पहले मेरे मंदिर, मंदिर होते थे
एक टूटा फूटा रास्ता
और कई बार हम रस्ते ढूंढते थे
कई कंदराओं में से एक में
होते थे ईश विराजमान
हमसे आँख मिचोली करते हुए
पर उस जतन का अहसास अनूठा था
आप भी बस हाथ जोड़ कर
जो लाए होते थे वो अर्पित कर देते
बिना कुंठा या हीनभावना के
आज मंदिर मॉल लगते हैं
भगवान को छुपा दिया गया है
पैसों की मोटी दीवारों में
संगमरमर की दीवारें और सीढ़ियां
लम्बी लम्बी कतारें
मगर बड़ा पैसा आपको ले जाता है
मूर्ती के मुहाने तक
मंदिर के रस्ते खड़े रहते हैं सौदागर
और आप भी अपनी भक्ति
थाल के व्यास से नाप रहे होते हैं
बस सोचता हूं
क्या भगवन बसते हैं अब वहाँ ?
एक टूटा फूटा रास्ता
और कई बार हम रस्ते ढूंढते थे
कई कंदराओं में से एक में
होते थे ईश विराजमान
हमसे आँख मिचोली करते हुए
पर उस जतन का अहसास अनूठा था
आप भी बस हाथ जोड़ कर
जो लाए होते थे वो अर्पित कर देते
बिना कुंठा या हीनभावना के
आज मंदिर मॉल लगते हैं
भगवान को छुपा दिया गया है
पैसों की मोटी दीवारों में
संगमरमर की दीवारें और सीढ़ियां
लम्बी लम्बी कतारें
मगर बड़ा पैसा आपको ले जाता है
मूर्ती के मुहाने तक
मंदिर के रस्ते खड़े रहते हैं सौदागर
और आप भी अपनी भक्ति
थाल के व्यास से नाप रहे होते हैं
बस सोचता हूं
क्या भगवन बसते हैं अब वहाँ ?
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