उम्मीद उसी से होती है जो
मेहनत का कायल होता है।
वरना महलों के ख्वाब दिखाकर
दम भरने वाले बहुत देखे हैं।
जमीन पत्थर है पर पैरों के घर्षण
एक दिन उकेर देंगे मिट्टी वहां
ईश्वर बारिश भी दे देगा
फूलों के आने में फिर देर कहाँ
तपती गर्मी कंठ सूखे हैं
आसमान भी है गुम सा
चकोर ताके आसमान को बैठा
बूँद गिरे और करे कंठ गीला
यह भी समय निकल जायेगा
तप्ती रेत ठंडी पड़ जाएगी
गगन को चीर कर निकल आएगा
बादल का वो छोटा टुकड़ा
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