Just Musings
Sunday, January 24, 2016
काफ़िर नहीं हूँ
शराब पीता हूँ, मगर काफ़िर नहीं हूँ हर एक बूँद मेरी इबादत बढ़ा देती है नशा तो बस मेरे खुदा का है मुझमे वो बात अलग की काफिरों की इबादत मैं बन बैठा
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